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मनीष शर्माँ बठिंडा
रामां मंडी स्थित गुरु गोबिंद सिंह तेल रिफाइनरी में कार्यरत हजारों श्रमिक भारतीय नागरिक नहीं हैं, चौंकिए मत! ऐसा इसलिए क्योंकि देशव्यापी जनगणना के तहत अफसर उन्हें इसमें शामिल नहीं कर सके हैं। रिफाइनरी प्रबंधन से आपेक्षित असहयोग और श्रमिकों की सटीक जानकारी न मिलने से वहां जनगणना में जुटे कर्मचारी काफी परेशान रहे। जनगणना 28 जनवरी को खत्म हो चुकी है लेकिन सभी श्रमिक इसके दायरे में नहीं आ सके। नतीजतन, इस कार्य में जुटे टीचरों ने राज्य जनगणना निदेशक सीमा जैन को पत्र भेजकर सूचित कर दिया है।
दरअसल, रामां मंडी के गांव फूलोखारी में बन रही रिफाइनरी में इस वक्त उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड के तकरीबन 32 हजार श्रमिक कार्यरत हैं। जनगणना में इन्हें शामिल करने के लिए वरिष्ठ अफसरों ने शिक्षा विभाग के 25 अध्यापकों की ड्यूटी लगाई थी, लेकिन उन्हें काफी परेशानी हुई।
दरअसल, सभी श्रमिक रोजाना सुबह आठ बजे रिफाइनरी के अंदर काम पर चले जाते हैं तथा फिर शाम को सात बजे के बाद ही लेबर कालोनी में लौटते हैं। चूंकि रिफाइनरी में जनगणना कर्मियों को जाने की इजाजत नहीं थी, इसलिए लेबर कालोनी में ही इनकी गिनती करनी जरूरी थी। लेकिन इसके लिए उन्हें सिर्फ सुबह सात से आठ बजे तक एक घंटे का ही वक्त मिलता था। इस दौरान भी अधिकांश श्रमिक शौच व स्नान आदि काम में रहते थे, इसलिए उनकी उपलब्धता नहीं हो पाती थी। चूंकि लेबर कालोनी के एक कमरे में पांच से आठ श्रमिक रहते हैं, इसलिए दूसरी बार जाने पर पता नहीं चलता था कि किसकी गिनती हो गई और किसकी नहीं। जनगणना कर्मियों ने रिफाइनरी अफसरों तक पहुंच करने की भी कोशिश की लेकिन उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया।
जनगणना का दौर पूरा होने से पहले विजय कुमार, कुलदीप कौर व पाल सिंह की अगुवाई में जनगणना कर्मियों ने राज्य निदेशक सीमा जैन को पत्र भेज परेशानी बता दी। अब वह जनगणना की पूरी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दे पा रहे हैं।
इस बाबत वीरवार को यहां पूछे जाने पर डायरेक्टोरेट ऑफ सेंसस आपरेशन, पंजाब के स्टेटस इंवेस्टिगेटर मंशाराम ने कहा कि बठिंडा के जनगणना अधिकारी से संपर्क कर तुरंत समस्या को हल करने निर्देश दिए जाएंगे। सभी श्रमिकों को जनगणना में शामिल किया जाएगा।
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